श्री मद गुरुभ्यो नमः

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Monday, August 23, 2010

कालिदास

कालिदास संस्कृत भाषा के सबसे महान कवि और नाटककार थे। कालिदास नाम का शाब्दिक अर्थ है, "काली का सेवक"। कालिदास शिव के भक्त थे। उन्होंने भारत की पौराणिक कथाओं और दर्शन को आधार बनाकर रचनाएं की। कलिदास अपनी अलंकार युक्त सुंदर सरल और मधुर भाषा के लिये विशेष रूप से जाने जाते हैं। उनके ऋतु वर्णन अद्वितीय हैं और उनकी उपमाएं बेमिसाल। संगीत उनके साहित्य का प्रमुख अंग है और रस का सृजन करने में उनकी कोई उपमा नहीं। उन्होंने अपने शृंगार रस प्रधान साहित्य में भी साहित्यिक सौन्दर्य के साथ साथ आदर्शवादी परंपरा और नैतिक मूल्यों का समुचित ध्यान रखा है। उनका नाम अमर है और उनका स्थान वाल्मीकि और व्यास की परम्परा में है। कालिदास ने कई ग्रंथों को लिखा है | और उनके सारे ग्रन्थ उतने ही महत्त्व पूर्ण है | मेघदूत,अभिज्ञान - शाकुंतलम , रघुवंशम,कुमार-संभवं , विक्रम-उर्वशीयम आदि सभी अत्यंत रोचक और अद्भुत हैं |
कहा भी जाता है - काव्येषु-दासः माघः ,कवि कालिदासः,