आर्य-भट्ट ने अपने ग्रन्थ के चतुर्थ प्रकरण गोलपाद में यह घोषणा की है कि पृथिवी गोल है और वह अपनी धुरी पर परिभ्रमण करती रहती है |
यह घोषणा करनेवाले वे विश्व में प्रथम व्यक्ति थे | उन्होंने पृथिवी के आकार,गति,एवं परिधि ४९६७ योजन और व्यास १५८१ योजन बताया है | एक योजन का मान ५ मील होने के अनुसार दोनों क्रमशः २४८३५ मील और ७९०५ मील होते हैं |
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